जीवन पथ पर
इस कठिन डगर पर
कांटो भरी राहो से
गुजरना जरुरी है
हे पथिक ! तेरे लहू और इस धरा का पवित्र संगम जरुरी है।
साज़िशों के जाल है
तेरे कदमो की ताल से
कइयों के हाल बेहाल है
कश्तियाँ ना मिले, ना सही
डोंगियों के सहारे ही
वैतरणी पार करना जरुरी है
हे पथिक ! तेरे लहू और इस धरा का पवित्र संगम जरुरी है।
वार हज़ारो सहने है
कर्म करते जाना है
जब बुझने लगे लौ
तब नव ज्योति प्रजवल्लन जरुरी है
हे पथिक ! तेरे लहू और इस धरा का पवित्र संगम जरुरी है।
© Neelesh Maheshwari
क्या बात है
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Thanks…
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Very true!!!
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Thumbs up!
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Kya baat hai! Wo Sangam jaruri hai! Bahut khub Bandhu!
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Dhanyawaad..
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Very nice👌
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Thanks a lot….
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I loved this one Neelesh!
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Thanks a lot….
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your writing is just full of wonders. ..true impact of pen (kalam)
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Thanks for your kind words…
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Wonderfully penned… 🙂
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Thanks…
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