तुम कह रहे थे विदाई की उस बेला में
की लौट कर आओगे तुम मिलने मुझसे दोबारा
पर तुम गए क्या , तुम तो ईद का चाँद हो गए।
ना तुम्हारी खबर , ना ही कोई संदेश
दूर सरहद के उस पार जाकर
लगता है, तुम गैर हो गए।
याद जब जब तुम्हे करता हूँ
आँखे भर आती है।
और ज़ोर से जब हवा का झोंका आता है
रूह मेरी काँप जाती है।
भीनी भीनी उस खुशबू में
कोई कसक रह जाती है।
गैरियत तुम्हारी सताती है
बस, याद तुम्हारी आती है।
#Yaadein #Memories #vidai
Image Credits: google.com
© Neelesh Maheshwari
Nice 👏
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Thanks
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Beautifully penned!
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Nice…
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Thanks
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Poignantly beautiful!
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Yaadon ke bavandar ko khubsurati se darshaya hai.
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