फिर वही बात,
उस उजड़े चमन की याद,
इन बेरंग अश्को का,
उस सतरंगी वक़्त को सलाम।
फिर वही बात,
उस उजड़े चमन की याद।
काँपती कलम का,
सूखती स्याही का,
इस निस्तेज चाँद का,
उस उगते सूर्य को प्रणाम।
फिर वही बात,
उस उजड़े चमन की याद।
टूटती साँसों का,
रूठती इन्द्रियों का,
उस यशस्वी नवयुवक को,
ये आखिरी पैगाम।
फिर वही बात,
उस उजड़े चमन की याद।
#No Regrets
Copyrights © : Neelesh Maheshwari
Nice words
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