तुम कहते हो
कि याद न करो मुझे,
कि मैं तुमसे अब बहुत दूर हूँ
मिलने अब ना आ पाउँगा।
पर तुम ही बताओ ,
क्या ऐसा मुमकिन है
कि सागर का ना हो साहिल से मिलन ,
और अपने प्रेमी की याद में,
न जले प्रियसी का मन।
माना , बड़े आदमी हो तुम
और बड़ी – बड़ी है तुम्हारी बातें।
माना , तुम बहुत दूर हो ,
कि मिलने भी ना आ पाओगे।
पर कैसे भूलु तुम्हारी यादों को
कि तुम्हे मिटाने की कोशिश में
मैं खुद ही मिटती जाती हूँ।
जीवन के सब रंग देखे तुम्हारे साथ ,
तुम्हारे बिना रंग विहीन हुई जाती हूँ।
बस, तुम्हारा साथ चाहती हूँ।
बस, तुम्हारा साथ चाहती हूँ।
Image Credit : Google Images
© Copyright : Neelesh Maheshwari
Waah👌
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बहुत सुंदर
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Thanks
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What Impress is that being a man you understand heart of a girl so beautifully…
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Thanks for your appreciation…It means a lot to me….
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You are most welcome
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beautifully written.
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