Pathik

जीवन पथ पर
इस कठिन डगर पर
कांटो भरी राहो से
गुजरना जरुरी है
हे पथिक ! तेरे लहू और इस धरा का पवित्र संगम जरुरी है।

साज़िशों के जाल है
तेरे कदमो की ताल से
कइयों के हाल बेहाल है
कश्तियाँ ना मिले, ना सही
डोंगियों के सहारे ही
वैतरणी पार करना जरुरी है
हे पथिक ! तेरे लहू और इस धरा का पवित्र संगम जरुरी है।

वार हज़ारो सहने है
कर्म करते जाना है
जब बुझने लगे लौ
तब नव ज्योति प्रजवल्लन जरुरी है
हे पथिक ! तेरे लहू और इस धरा का पवित्र संगम जरुरी है।

© Neelesh Maheshwari

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